Rajasthan English Medium Teacher Latest news -18 जिलों के 131 हिंदी मीडियम स्कूल महात्मा गांधी इंग्लश मीडियम में होंगे रूपांतरित राज्य के इं्लिश मीडियम स्कूलों में 35 हजार पद खाली,15 हजार शिक्षकों की पोस्टिंग से पहले 131 स्कूल अंग्रेजी माध्यम में कन्वर्ट
राज्य में महात्मा गांधी इंग्तलश मीडियम स्कूलों का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में इनकी संरख्या 3600 के करीब पहंच चुकी है। राज्य के इन 3600 महात्मा गांधी इंग्ल्िश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों के करीब 35 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। इन रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से पिछले महीने
10 अगस्त को चयन परीकषा का आयोजन किया गया। परीक्षा में उत्तीर्ण हुए 15 हजार शिक्षकों की पोस्टिंग से पहले ही राज्य सरकार ने सोमवार को 18 जिलों के 131 हिंदी मीडियम स्कूलों को महात्मा गांधी इग्लिश मीडियम स्कूलों में रूपांतरित करने की मंजूरी जारी कर दी है। बजट घोषणा 2023-24 के तहत प्राथमिक स्तर के 42, उच्च प्राथमिक स्तर के इस सत्र में हुए 1975 स्कूल इंग्लिश मीडियम में कन्वर्ट ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के एक -एक हजार हिंदी मीडियम स्कूलों को अंग्रेजी में रूपांतरित करने की बजट घोषणा के तहत अब तक् 1975 हिंदी मीडियम स्कूलों को अंग्रेजी में रूपांतरित किया गया है। प्रत्येक स्कूल में लेवल वन के पांच पद दिए गए हैं। लेकिन इंग्लिश मीडियम स्कूलों को शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। संविदा भर्ती के भी करीब 58 फीसदी पद रिक्त चल रहे हैं।
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उच्च माध्यमिक स्तर के 33 विद्यालयों या नहीं तय नहीं : चयन परीक्षा में सिलेक्ट को अग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रूपांतरित हुए शिक्षकों की महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम किया जाएगा। इनमें 8 बालिका विद्यालय भी स्कूलों में पोस्टंग से पहले साक्षात्कार होंगे या शामिल हैं। उधर, परीक्षा में उत्तीर्ण हुए शिक्षक नहीं यह फिलहाल तय नहीं हुआ है। दरअसल,पिछले एक माह से इंग्लिश मीडियम स्कूलों में चयन परीक्षा में रिक्त पदों से कम शिक्षक पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। उत्तीर्ण होने के कारण शिक्षा विभाग अब इनकी परीक्षा में उत्तीर्ण शिक्षकों के इंटरव्यू होंगे पोस्टिंग के लिए अन्य विकल्प तलाश रहा है।
सबसे अधिक जयपुर के 27 स्कूल रुपांतरित हिंदी से इंग्लिश में रूपांतरण होने वाले स्कूलों में जयपुर के 27, अलवर के 15, बारां के 13, जोधपुर के 12, बाड़मेर व झंझूनूं के 10-10, भीलवाड़ा व करौली के 7-7, दौसा व डूंगरपुर के 6-6, नागौर के 5, भरतपुर के 4, अजमेर के 3, जालोर के दो तथा कोटा, राजसमंद, चत्तौडगढ़ व चुरू के 1-1 हैं।
- अंग्रेजी माध्यम का अलग से कैडर बनाकर नियमित भतीं हो ताकि योग्य अध्यापक मिल सर्कें। न संविदा भर्ती से भी योग्य शिक्षक नहीं न ही हिन्दी माध्यम से। गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए अंग्रेजी का रूपातरण धीमी हो तभी
फायदा।
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